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कटघरे में निर्वाचन आयोग

कटघरे में निर्वाचन आयोग

कटघरे में निर्वाचन आयोग 

रायपुर.छत्तीसगढ़ का निर्वाचन आयोग सवालों के कटघरे में हैं. ऐसा होने की कई वजह है. दरअसल आयोग का काम निष्पक्षता  के साथ चुनाव कराना ही नहीं, निष्पक्षता के साथ दिखना भी हैं, लेकिन हाल के दिनों में आयोग पर जिस ढंग से आरोप लगे हैं उसके बाद    यह यह लगा कि जो कुछ भी घटा वह ठीक नहीं है. आयोग वैसा नहीं है जैसा दिखाई दे रहा है. प्रदेश में प्रथम और दूसरे चरण के मतदान के दौरान जिस ढंग से इवीएम मशीनें खराब हुई उसने सबसे पहले आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया. हालांकि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का कहना है कि आयोग बगैर किसी दबाव के काम कर रहा है, लेकिन जनता के बीच यह संदेश तो चला ही गया कि आयोग का अधिक से अधिक मतदान का नारा फ्लाप था. जनता वोट देने निकली तो मशीन खराब थी. मतदान के बाद  बलौदाबाजार, धमतरी, बेमेतरा सहित कई अन्य जगहों से स्ट्रांग रुम में अनाधिकृत प्रवेश को लेकर आई  शिकायतों ने यह साबित कर दिया कि सुरक्षा के इंतजाम बेहद लचर है. धमतरी में बगैर अनुमति कई कर्मचारियों के प्रवेश के बाद तो यह साफ हो गया है कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है. अब भी यह शिकायतें आ रही है कि किसी स्ट्रांग रुम में लाइट बंद हो जाती है तो किसी में कोई लैपटाप लेकर फिल्म देख रहा है. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल का कहना है कि हार के भय से सरकार हर हथकंड़े अपनाना चाहती है. वह कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती, लेकिन जनता ने चौके-छक्के मारने का दावा करने वाले को ब्राउंड्री पर ही कैच करने का निर्णय कर लिया है.                                        

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