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पत्रकारों की अधिमान्यता को लेकर भूपेश सरकार का शानदार फैसला

पत्रकारों की अधिमान्यता को लेकर भूपेश सरकार का शानदार फैसला

रायपुर. प्रदेश में कार्यरत पत्रकारों की अधिमान्यता को लेकर भूपेश बघेल की सरकार ने शानदार फैसला लिया है. इसके तहत अब प्रिंट मीडिया के अलावा टीवी न्यूज चैनल, न्यूज पोर्टल, समाचार पत्रिकाओं से जुड़े संवाददाताओं, छायाकार और कैमरामैन के  साथ-साथ विकासखंड में कार्यरत पत्रकारों को अधिमान्यता प्रदान करने का फैसला किया गया है. सरकार के इस फैसले पर पत्रकारों के एक बड़े वर्ग ने खुशी जाहिर की है. जल्द ही पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करेगा.

प्रदेश में पत्रकारों की अधिमान्यता का मसला हमेशा से विवादित रहा है. पिछली सरकार में अमूमन सभी बड़े अखबार के प्रतिनिधि यहां तक मुद्रक और स्वामी भी अधिमान्यता हासिल करने में सफल हो जाते थे. प्रदेश के वे पत्रकार जो संसाधनों के अभाव में भी पत्रकारिता के धर्म और कर्म का पालन करते थे वे वंचित थे, लेकिन अब छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशन के साथ ही नए नियम प्रभावशील हो गए हैं. नए नियमों के लिए पिछले कुछ समय से जुटे रहे आयुक्त-सह-संचालक जनसंपर्क तारन प्रकाश सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप अधिमान्यता नियमों को व्यापक कर दिया गया है. नए नियमों में अब विकासखण्ड स्तर के समाचार मीडिया प्रतिनिधियों को भी जनसंपर्क संचालनालय द्वारा अधिमान्यता देने का फैसला किया गया है. इस कड़ी में राज्य के सेवानिवृत्त वरिष्ठ पत्रकारों को भी मानद अधिमान्यता प्रदान करने का प्रावधान भी रखा गया है.

उन्होंने बताया कि अभी तक प्रचलित अधिमान्यता नियम, छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद वर्ष 2001 में बनाए गए थे. गत अठ्ठारह सालों के दौरान मीडिया परिदृश्य में अमूलचूल परिवर्तन आया है. इस दौरान टीवी न्यूज चैनल, समाचार वेबपोर्टल आदि प्रारंभ हुए हैं और कार्य परिस्थितियां भी बदली है. सो अधिमान्यता नियमों को समय के अनुसार प्रासंगिक बनाने और नए समाचार मीडिया को स्थान प्रदान करने के लिहाज से अधिमान्यता नियमों में व्यापक परिवर्तन अनिवार्य था.

उन्होंने बताया कि नया नियम काफी सरल है. समाचार मीडिया के प्रचार संख्या, प्रसारण क्षेत्र, वेब पोर्टल की दशा में व्यूवर्स की संख्या आदि के आधार न केवल अधिमान्यता कोटा निर्धारित किया गया है. इतना ही नहींअधिमान्यता की संख्या में भी व्यापक बढ़ोत्तरी कर दी गई है.

आयुक्त ने यह भी बताया कि समाचार मीडिया प्रतिनिधियों को अधिमान्यता प्रदान करने का कार्य पूर्व की भांति राज्य एवं संभाग स्तरीय अधिमान्यता समितियों द्वारा ही किया जायेगा किन्तु समितियों में इलेक्ट्रानिक मीडिया के समाचार प्रतिनिधियों को भी शामिल किये जाने का प्रावधान किया गया है. श्री सिन्हा ने आशा व्यक्त की है कि नए अधिमान्यता नियमों के प्रभावशील होने के बाद समाचार मीडिया प्रतिनिधियों की अधिमान्यता न मिलने संबंधी दीर्घ अवधि से चली आ रही शिकायत का निराकरण हो सकेगा।

 

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