बड़ी खबर

संचालक की अनुमति लिए बगैर कर दी कर्मचारियों की नियुक्ति... उपसंचालक भगत को नोटिस

संचालक की अनुमति लिए बगैर कर दी कर्मचारियों की नियुक्ति... उपसंचालक भगत को नोटिस

रायपुर. संस्कृति एवं पुरातत्व संचालनालय में एक से बढ़कर कारनामे होते हैं. जो कोई भी इस संचालनायल में पदस्थ होता है वह यहां से जल्द से जल्द छुटकारा पाने की कवायद में जुट जाता है. वैसे तो यह संचालनालय गढ़ कलेवा से सटा हुआ है. कभी निकट भविष्य में गढ़कलेवा शायद बंद भी हो जाय, लेकिन इस संचालनालय में जिस तरह के कारनामे होते हैं उसे देखकर यह लगता नहीं है कि गड़बड़ी और अनियमितताओं के इस गढ़ को कभी कोई मंत्री ध्वस्त कर पाएगा ? बहरहाल लंबे समय से इस संचालनालय में उपसंचालक की हैसियत से पदस्थ जेआर भगत सुर्खियों बटोर रहे हैं. उनकी ढ़ेरों शिकायतें मुख्यमंत्री, संस्कृति मंत्री और उच्चाधिकारियों तक पहुंची है. फिलहाल उनके द्वारा दो कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला चर्चा में हैं. बताया जाता है कि उन्होंने संचालक से अनुमति लिए बगैर देवेंद्र नाम के एक शख्स और एक महिला कर्मचारी की नियुक्ति कर दी थीं. इस मामले में संस्कृति एवं पुरातत्व संचालनालय के संचालक ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसका कोई जवाब उनकी तरफ से नहीं दिया गया है.

ज्ञात हो कि किसी भी दैनिक वेतनभोगी को नियुक्त करने का अधिकार संचालक के पास ही होता है. इतना ही नहीं जो दैनिक वेतनभोगी होता है उसका स्थानीय होना अनिवार्य है. दैनिक वेतनभोगी का स्थानांतरण भी नहीं किया जा सकता, लेकिन दोनों कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले में सारे नियम-कानून ताक पर रख दिए गए. उपसंचालक भगत वर्ष 2011 में  जब जगदलपुर में पदस्थ थे तब उन्होंने अपने हस्ताक्षर से देवेंद्र कुमार की नियुक्ति का आदेश निकाला और फिर सीधे उसकी सूचना संचालक को भेज दी. उन्होंने दूसरी नियुक्ति 13 जनवरी 2012 को की. इस तिथि में जिस महिला की नियुक्ति की गई वह कस़डोल की रहने वाली हैं. वर्ष 2015 में भगत रायपुर मुख्यालय में आ गए तो उन्होंने एक बार फिर अपने आदेश से दोनों कर्मचारियों का तबादला आदेश जारी किया और उन्हें कोरबा के जिला पुरातत्व संघ संग्रहालय में अटैच कर दिया. नियमानुसार किसी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी का तबादला नहीं हो सकता था. दोनों कर्मचारियों ने अपनी उपस्थिति वहां दी और उनका वेतन भी वहां से निकलने लगा. बताते हैं इस उठापटक में बस्तर में पदस्थ एक अफसर अमृतलाल को नाहक ही परेशानी का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कर्मचारियों की नियुक्ति सहित पूर्व में किए गए अन्य कामकाज पर सवाल उठाए तो उन पर धारा 376 के तहत मामला दर्ज हो गया. पैकरा जैसे-तैसे अपनी जान बचाने भागते-फिरते रहे. अब जाकर उन्होंने भी शिकायत का मन बना लिया है. संचालक की अनुमति के बगैर कर्मचारियों की नियुक्ति और नोटिस को लेकर पुरातत्व संचालनालय के उपसंचालक जेआर भगत से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

ये भी पढ़ें...