बड़ी खबर

विवादास्पद पुलिस अफसर मुकेश गुप्ता पर एक और मामला दर्ज

विवादास्पद पुलिस अफसर मुकेश गुप्ता पर एक और मामला दर्ज

राजकुमार सोनी

रायपुर. देश के सबसे विवादास्पद पुलिस अफसर मुकेश गुप्ता पर एक और मामला दर्ज कर लिया गया है. यह मामला माणिक मेहता की शिकायत के बाद दर्ज किया गया है. माणिक मेहता वहीं है जिनकी बहन मिक्की मेहता से मुकेश गुप्ता ने पहली पत्नी रहने के बाद भी विवाह किया था और बाद में संदिग्ध परिस्थियों में मिक्की की मौत हो गई थी. फिलहाल माणिक की शिकायत पर दुर्ग जिले की सुपेला पुलिस ने गुप्ता पर धारा 409, 420, 467, 468, 471, 201 एवं 421 के तहत मामला पंजीबद्ध किया है. गौरतलब है कि कुछ माह पहले ही मुकेश गुप्ता पर नागरिक आपूर्ति निगम में हुए घोटाले की जांच के दौरान अवैध ढंग से फोन टैपिंग का मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा उनकी करीबी रेखा नायर पर भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में ईओडब्लू ने प्रकरण पंजीबद्ध किया है. मुकेश गुप्ता पिछले कई महीनों से निलंबित है. निलंबन अवधि के दौरान उन्हें पुलिस मुख्यालय में अपनी आमद देनी है, लेकिन उन्होंने एक मर्तबा भी अपनी आमद नहीं दी है. उन पर विभागीय जांच भी लंबित है. कई बार नोटिस जारी किए जाने के बाद भी वे विभागीय जांच में बयान देने के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं.

बहरहाल पुलिस ने जो मामला दर्ज किया है उसके मुताबिक मुकेश गुप्ता वर्ष 1998 के जून माह में दुर्ग में पुलिस अधीक्षक थे. इस दौरान वे भिलाई साडा में पदेन सदस्य भी थे. माणिक का आरोप है कि उन्होंने अपने पद और प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए मोतीलाल नेहरू आवासीय योजना ( पश्चिम ) में ब्लाक क्रमांक 67, भूखंड क्रमांक 5 कुल 540 वर्ग मीटर का आवंटन अपने नाम से प्राप्त कर लिया था. माणिक मेहता ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है किमुकेश गुप्ता ने 9 जून  1998 को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर  2928 वर्ग फुट के आबंटित भूखण्ड के स्थान पर, उससे लगभग दोगुने भूखण्ड ( 5810.40 वर्ग फुट ) की 11 जून 1998 को रजिस्ट्री अपने नाम से करवा ली थी, जबकि चैक की राशि 13 जून 1998 को जमा हुई थी. यानी कि बिना पैसे दिए ही मुकेश गुप्ता ने विघटित हो चुके साडा से अपने नाम उक्त जमीन करवा ली थी.

इस जमीन जमीन को खरीदने के पश्चात मुकेश गुप्ता ने पुलिस विभाग को  किसी तरह की कोई सूचना नहीं दी और बगैर अनुमति के उस जमीन पर बेशकीमती इमारत भी बनवा ली. जब इस मामले की चर्चा होने लगी तब मुकेश गुप्ता ने इस मकान को 42 लाख में बेच दिया और दिल्ली में एक करोड़ 5 लाख रुपए से एक दूसरा मकान खरीद लिया.माणिक ने पुलिस को बताया कि मुकेश गुप्ता ने विभाग को पहले इस बात की सूचना दी थी कि वह अपने मकान को 27 लाख रुपए में बेचना चाहता है. लेकिन फिर उन्होंने विभाग को यह सूचित किया कि अब सौदा निरस्त हो गया है. लेकिन फिर अगले दिन ही एक नए विक्रेता से उसी संपत्ति का सौदा 42 लाख में कर लिया.

माणिक का कहना है कि दिल्ली में खरीदे गए मकान में एक नंबर के पैसों की व्यवस्था नहीं हो पाई थी. यह भी समझना होगा कि कोई विवादित व्यापारी एक आला पुलिस अफसर की संपत्ति को बाजार मूल्य से डेढ़ गुना मंहगी क्यों खरीदेगा. माणिक का आरोप है कि गुप्ता ने साड़ा भिलाई के भंग होने के बाद कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर भूखंड की रजिस्ट्री अपने नाम से करवाई थी. इधर खबर है कि मुकेश गुप्ता से प्रताड़ित लगभग 25 लोगों ने सरकार के साथ-साथ विभिन्न थानों में आवेदन दे रखा है. इनमें कुछ महिलाओं के आवेदन भी शामिल है.आवेदन में छत्तीसगढ़ में सुपर सीएम के नाम से विख्यात संविदा में पदस्थ एक अफसर का भी खास तौर पर उल्लेख है. एक आवेदन में तो इस बात का भी उल्लेख है कि संविदा में पदस्थ अफसर ने पुलिस मेंस और फार्म हाउस में कब-कब किस घटना को अंजाम दिया था. इधर वरिष्ठ पुलिस अफसर गिरधारी नायक ने भी मिक्की मेहता संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. कहा जा रहा है कि विधानसभा सत्र से पहले सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दे सकती है.

 

 

 

ये भी पढ़ें...