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पीडब्लूडी में अटके प्रमोशन से सीएम खफा

पीडब्लूडी में अटके प्रमोशन से सीएम खफा

रायपुर. प्रदेश का पीडब्लूडी विभाग ही एक ऐसा विभाग है जहां नीचे से लेकर ऊपर तक कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रमोशन अटका हुआ है. मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीडब्लूडी की समीक्षा बैठक के दौरान अटके हुए प्रमोशन को लेकर अप्रसन्नता व्यक्त की तो अफसर बगले झांकने लगे.मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि जब यदि किसी कर्मचारी और अधिकारी को सही समय पर पदोन्नति नहीं मिलती है तो वह निरुत्साहित हो जाता है. जिसका जो वाजिब हक है वह उसे मिलना चाहिए. मुख्यमंत्री जब यह टिप्पणी कर रहे थे तब विभाग के सचिव अनिल राय और अन्य अफसर मौजूद थे.

गौरतलब है कि पीडब्लू विभाग में कर्मचारियों और अफसरों की पदोन्नति का मामला लंबे समय से अटका पड़ा है. कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच इतनी अधिक खींचतान है कि हर कोई एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ में लगा रहता है. दूसरों की अयोग्यता की वजह से कुछ योग्य प्रमुख अभियंता इसलिए पिछड़ गए हैं क्योंकि वे किसी को आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते. कुछ अभियंताओं ने नाइंसाफी से परेशान होकर बकायदा कोर्ट की शरण ले रखी है. मुख्यमंत्री ने जब पदोन्नति की बात उठाई तो ऐसा लग रहा था कि वे विभाग की रग-रग से वाकिफ है.

मंगाई स्काई वॉक की ओरिजनल फाइल

बैठक ने मुख्यमंत्री ने स्काई वॉक की उपयोगिता को लेकर अफसरों से सवाल भी पूछे. एक अफसर ने कहा कि पुरानी सरकार ने पैसा खर्च किया है तो स्काई वॉक को तोड़ना ठीक नहीं होगा. मुख्यमंत्री बघेल ने सवाल किया- भले ही जनता कष्ट उठाती रहे. उन्होंने अफसरों से स्काई वॉक योजना की ओरिजनल फाइल को उनके सामने प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. ज्ञात हो कि भाजपा के शासनकाल में कोरी नाम के एक इंजीनियर ने स्काई वॉक का प्रस्ताव तैयार किया था जबकि मंजूरी उन अफसरों ने ही दी थी जो अब भी पीडब्लूडी में ही तैनात है. इन अफसरों में वन विभाग के अफसर अनिल राय जो लंबे समय से पीडब्लूडी में तैनात है ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थीं. मुख्यमंत्री ने बैठक में अफसरों और मंत्रियों के बंगले के निर्माण की धीमी गति को लेकर भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि जब तक अफसर और मंत्री नवा रायपुर में नहीं रहेंगे तब तक आम जनता से अपेक्षा करना बेकार है. मुख्यमंत्री ने बस्तर के माओवाद प्रभावित इलाकों में स्थानीय युवकों को रोजगार देने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि बस्तर में जो सड़क का जो भी काम होगा उसमें स्थानीय भागीदारी आवश्यक रुप से सुनिश्चित होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने नेशनल हाइवे की गुणवत्ता को लेकर भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि अधिकांश जगह से यही शिकायत मिल रही है कि सड़कें खराब बन रही है.उन्होंने गुणवत्ता का ध्यान रखने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर और बिलासपुर के बीच की सड़क भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है. लोकनिर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर कार्य करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अक्सर अधिकारी समस्या बताते रहते हैं, लेकिन वे इस बात का ख्याल नहीं रखते कि समस्या का समाधान कैसे निकल सकता है.

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