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मशहूर कत्थक नृत्यांगना से विकास ने पूछा- बताइए आपके हसबैंड छत्तीसगढ़ छोड़कर क्यों  भाग गए

मशहूर कत्थक नृत्यांगना से विकास ने पूछा- बताइए आपके हसबैंड छत्तीसगढ़ छोड़कर क्यों भाग गए

रायपुर. अब तक पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के प्रमुख सचिव ही विवादों में घिरे हुए थे, लेकिन अब मशहूर कत्थक नृत्यांगना यास्मीन सिंह भी विवादों के घेरे में आ गई है. संविदा में लगभग 14 साल तक नियुक्ति के बाद सरकार ने एक शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ जांच बिठा दी है. इधर मीडिया के जरिए जांच की सूचना मिलने के बाद यास्मीन सिंह ने शिकायतकर्ता विकास तिवारी और उन्हें बदनाम करने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है. यास्मीन सिंह का कहना है कि उनकी नियुक्ति सारे नियमों के हिसाब से सक्षम अधिकारियों की मंजूरी के साथ पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए की गई थीं. उनके ऊपर लगाए गए तमाम आरोप असत्य और निराधार है. जबकि कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी  ने एक बार फिर यास्मीन सिंह और उनके पति को आड़े हाथों लिया है. विकास तिवारी ने यास्मीन सिंह से पूछा है कि उन्हें इस बात का जवाब अवश्य देना चाहिए नई सरकार के बनते ही उनके पति छत्तीसगढ़ छोड़कर क्यों भाग गए.

बेरोजगार होंगे तो आहत तो जारी रहेगा प्रतिवाद

विकास तिवारी ने यास्मीन सिंह के द्वारा सोशल मीडिया और अखबारों में दिए गए बयान पर  कहा है कि एक महिला होने के नाते उनका स्वागत और सम्मान रहेगा, लेकिन अगर गलत काम और गलत नियुक्ति पर छत्तीसगढ़ के लाखों बेरोजगार आहत होते हैं तो वे अपना प्रतिवाद भी जारी रखेंगे. तिवारी ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार यास्मीन सिंह का सम्मान नहीं करती तो प्रारंभिक जांच का आदेश ही नहीं देती. उन्हें तो इस बात के लिए सरकार का आभारी होना चाहिए कि उनकी नियुक्ति के खिलाफ जांच के लिए एक महिला अधिकारी को ही जवाबदारी दी गई है. यहां तक जांच के लिए आदेश जारी करने वाली भी एक महिला है. यास्मीन सिंह ने अपने बयान में यह कहा है कि उनके खिलाफ शिकायत कांग्रेस पार्टी के एक सदस्य ने की है. विकास तिवारी ने जानना चाहा है कि क्या अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी  के खिलाफ कांग्रेस के सदस्यों को शिकायत करने का अधिकार नहीं है. क्या सारे अधिकार भारतीय जनता पार्टी के पास ही सुरक्षित हैं ? यास्मीन सिंह ने यह भी कहा है कि उनके और उनके परिवार वालों को राजनीतिक द्वेष के तहत टारगेट किया जा रहा है. प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूछा है कि यास्मीन सिंह और उनके पति को स्पष्ट करना चाहिए के वे किस राजनीतिक दल से सबद्ध थे।

यास्मीन सिंह ने अपनी नियुक्ति का ठीकरा राज्य सरकार के अधिकारियों पर फोड़ा है.  उनके बयान में यह स्पष्ट है कि भाजपा सरकार के अधिकारियों ने ही उन्हें नियुक्त किया था. विकास तिवारी ने कहा है कि यही तो देखने लायक होगी कि कौन-कौन से अधिकारियों नियुक्ति की थी? किस आधार पर नियुक्ति दी गई थी ? किस योग्यता और क्षमता को ध्यान में रखा गया था ? आपकी पदस्थापना कब-कब और कहां- कहां रही ? आपने अपने दफ्तर को कितना समय दिया और नृत्य कला को कितना समय दिया. सरकारी और सार्वजनिक समारोह में आपको प्रत्येक प्रस्तुति के लिए कितना भुगतान किया गया ? हर बार समारोह में जाने के लिए आपने किस विभाग प्रमुख से अनुमति ली ? जो वेतन 35 हजार था वह अचानक एक लाख कैसे हो गया ?

मुकदमे का स्वागत

प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि सरकार के पास तमाम दस्तावेजों और सबूतों के आधार पर शिकायत की गई है. जहां तक मुकदमे का सवाल है तो वे उसका स्वागत करते है. वे मुकदमे की धमकी से भयभीत नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसी तरह का राजनीतिक विद्वेष रखती तो आपकी और आपके पति की संपत्ति के मामलों के जांच का आदेश भी जारी कर देती. फिलहाल तो  मामला असंवैधानिक ढंग से की गई है नियुक्ति का है. उन्होंने यास्मीन सिंह से आग्रह किया कि वे दिल्ली छोड़कर छत्तीसगढ़ में रहे और पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ जांच का सामना करें. इधर विकास तिवारी के नए बयान के बाद नृत्यांगना यास्मीन सिंह की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है. अगर उनका कोई पक्ष मिलता है तो उसका प्रकाशन भी किया जाएगा.

 

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