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रेखा नायर को पुलिस वाले सलाम बजाते थे... तो पड़ोसी मानते थे आईपीएस अफसर

रेखा नायर को पुलिस वाले सलाम बजाते थे... तो पड़ोसी मानते थे आईपीएस अफसर

रायपुर. देश के सबसे विवादास्पद पुलिस अफसर मुकेश गुप्ता की करीबी रेखा नायर के बारे में ईओडब्लू को कई सनसनीखेज जानकारी मिली है. सोमवार को जब ईओडब्लू के 18 सदस्यों ने रेखा नायर के कचना खम्हारडीह के मारुति सॉलिटियर में दस्तक दी तो वे मकान की भव्यता और अंदरुनी चकाचौंध देखकर हतप्रभ रह गए. सदस्यों को आलीशान मकान के सभी छह कमरों में सबसे मंहगे डायकैन कंपनी का एसी लगा हुआ मिला. इसके अलावा घर के अंदर और बाहर मंहगे एलईडी चमचमा रहे थे. हॉल के अंदर की टेबल-कुर्सियों को देखकर यह लग ही नहीं रहा था कि उसका निर्माण किसी भारतीय कंपनी के द्वारा किया गया है. शयनकक्ष और हॉल के पर्दें  बेशकीमती तो थे ही, पोर्च में एक पीतल का मजबूत दरवाजा भी मिला. इसकी कीमत पांच लाख के आसपास आंकी गई है. आसपास के लोगों से मालूम हुआ कि रेखा नायर के मकान के सामने हमेशा दो-चार गाड़ियां खड़ी रहती थीं. वह कभी-कभार ही नजर आती थी, लेकिन पुलिस वाले जैसे ही उसे देखते... वैसे ही सैल्यूट बजाते थे. ऐसा लगता था जैसे वह कोई आईपीएस अफसर है. सूत्र बताते हैं कि ईओडब्लू को तलाशी के दौरान कुछ रजिस्टर और रहस्यमय फोटोग्राफ भी हाथ लगे हैं.

लगाना पड़ा एड़ी-चोटी का जोर

रेखा नायर के बारे में बारीक सी बारीक जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा है. बताते हैं कि उसकी नियुक्ति वर्ष 97-98 में एक आरक्षक के पद पर तब हुई थी जब मुकेश गुप्ता दुर्ग में पुलिस अधीक्षक थे. कुछ सालों तक तो वह बकायदा नजर भी आई, लेकिन फिर परिदृश्य से गायब हो गई. सूत्र बताते हैं कि दुर्ग के बाद जहां-जहां भी मुकेश गुप्ता पदस्थ रहे वहां-वहां उसकी तैनाती होती रही, लेकिन गुप्ता के नजदीकी भी तब यह नहीं जान पाए कि उसका कैसा और किस तरह का इस्तेमाल हो रहा है और वह कहां नौकरी करती है. नई सरकार के गठन के बाद जब फोन टैंपिंग मामला उजागर हुआ तब पड़ताल में पता चला कि एक अत्यंत गरीब परिवार से तालुकात रखने वाली रेखा नायर करोड़ों की संपत्ति की मालकिन हो गई है.

जामुल में रहती है रेखा की बहन

बताते हैं कि रेखा पहले अपनी बहन और पिता रेमाकांतन नायर के साथ जामुल के ईएसडब्लू मकान में रहा करती थीं. सामान्य तौर पर ईएसडब्लू मकान में वहीं लोग रहते हैं जिनकी आवक बेहद सामान्य होती है. बताते हैं कि रेखा नायर के तीन बच्चे भी हैं जो अब डीपीएस में पढ़ते हैं. पुलिस को यह सूचना मिली थी कि रेखा नायर बच्चों की टीसी ( ट्रांसफर सार्टिफिकेट ) लेकर नागपुर में कहीं सैटल होने की तैयारी कर रही है सो डीपीएस स्कूल के आसपास सादी वर्दी में मुखबिरों को तैनात किया गया था जो पल-प्रतिपल की सूचना एकत्र कर रहे थे.

कई जगह अकूत संपत्ति

सूत्रों का कहना है कि रेखा नायर ने अपने और परिजनों के नाम से कई जगह मकान और जमीनों की खरीदी की है. खम्हारडीह स्थित मारुति सॉलिटियर की कीमत ही दो करोड़ के आसपास है. रेखा ने दिखावे के लिए लोन पर एक कार की खरीदी थी जिसका लोन अदा कर दिया गया है. रेखा की मां गौरी कुट्टी अम्मा के नाम पर भी कांशीराम नगर में एक मकान का होना बताया जा रहा है. इसकी कीमत भी डेढ़ करोड़ है. रेखा ने अपने पिता रेमाकांतन नायर के नाम पर त्रिवेंद्रम में भी एक फ्लैट ले रखा है. इसके अलावा केरल राज्य के कोल्लम जिले के पवित्रेश्वरम ग्राम में भी रेखा के नाम पर एक आलीशान मकान पाया गया है. बताया जाता है कि इसी गांव में  हाल के दिनों में कई एकड़ कृषि भूमि भी खरीदी गई है. बताते है कि रेखा के पिता ने ग्राम नरहदा और पिरदा के अलावा अविनाश कैपिटल होम्स में लगभग तीन हजार वर्ग फीट जमीन खरीद रखी है. सूत्र बताते हैं कि ईओडब्लू आने वाले दिनों में घोषित-अघोषित और बेनामी संपत्तियों की खरीदी-बिक्री में शामिल लोगों से भी पूछताछ करेगी. ईओडब्लू की जांच के केंद्र में फिलहाल यह बिंदु शामिल है कि एक मामूली सी आरक्षक एकायक करोड़ों की मालकिन कैसे बन गई. उसे करोड़पति बनाने के लिए किन लोगों ने अवैधानिक ढंग से धन मुहैया करवाया. कमजोर आर्थिक स्थिति होने के बावजूद उसके परिजनों ने अकूत संपत्ति कैसे जुटाई. रेखा नायर ने फोन टैंपिंग के लिए कौन-कौन सी मशीनों और तरीकों का इस्तेमाल किया. वह सरकारी नौकरी में रहने के दौरान भी चार सालों तक कहां गायब थी.

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