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पुलिस अफसर मुकेश गुप्ता का रेखा से कनेक्शन

पुलिस अफसर मुकेश गुप्ता का रेखा से कनेक्शन

रायपुर. चौकिए मत... यह वह रेखा नहीं है जो फिल्म अभिनेत्री है और जिसका नाम कभी विनोद मेहरा, अभिताभ बच्चन और उद्योगपति मुकेश अग्रवाल से जुड़ा था. छत्तीसगढ़ के पुलिस महकमे में भी एक रेखा पदस्थ रही है जिसका पूरा नाम रेखा नायर है. पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जो शिकायत सौंपी है उसमें रेखा नायर का जिक्र है. ननकीराम का कहना है कि पुलिस अफसर मुकेश गुप्ता का रेखा नायर से अवैध कनेक्शन रहा है. ननकीराम ने रेखा नायर को मुकेश गुप्ता के खिलाफ की जांच की एक अहम कड़ी बताते हुए उसे सुरक्षा देने की मांग भी की है.

नागरिक आपूर्ति निगम में हुए घोटाले की जांच के दौरान साजिश रचने, रसूखदार लोगों को बचाने के साथ-साथ फोन टेप करवाने का आरोप लगने के बाद ईओडब्लू ने पुलिस अफसर मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है. इस बारे में पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने 9 जनवरी 2019 को मुख्यमंत्री को सौंपे गए पत्र में यह साफ कर दिया था कि कुछ पुलिसकर्मी, शराब व्यवसाय से जुड़े लोग मुकेश गुप्ता से सांठ-गांठकर इंटरसेप्टरों का संचालन कर रहे थे. ननकीराम का आरोप है कि मुकेश गुप्ता ने अवैध क्रिया-कलापों में लिप्त लोगों को विधायकों, सांसदों, न्यायिक अधिकारियों, प्रमुख व्यापारियों, पत्रकारों के फोन टेप करने के काम में झोंक रखा था. ननकीराम की शिकायत में उल्लेखित है कि मुकेश गुप्ता ने रेखा नायर को जबरिया केरल भेज दिया है ताकि किसी भी तरह की जांच होने की सूरत में वह जांच एजेंसी के सम्मुख प्रस्तुत ही न हो. उन्होंने आगे लिखा है- मेरी जानकारी में यह बात भी आई है  कि रेखा नायर ने केरल में भारतीय पुलिस सेवा के अफसर  मुकेश गुप्ता के खिलाफ दैहिक शोषण किए जाने की शिकायत भी की  थी जिसे धमकाकर वापस करवा दिया गया है. ननकी का कहना है कि रेखा को खम्हारडीह स्थित मारुति सालिटेयर जैसी महंगी कालोनी में आलीशान मकान दिलवाया गया था और वहीं से अवैध इंटरसेप्टर का संचालन किया जाता था.

पन्द्रह हजार लोगों का फोन टेप

इधर खबर है कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने रेखा के बारे में बड़ी  महत्वपूर्ण जानकारी जुटा ली है. बताते है कि उसने 15 हजार से ज्यादा लोगों का फोन टेप किया था. सूत्रों के मुताबिक महत्वपूर्ण लोगों की फोन टैपिंग के लिए अलग-अलग तीन मशीनें इस्तेमाल की जाती थी. एक मशीन का इस्तेमाल शराब माफिया के निवास पर होता था तो दूसरी मशीन सुपर सीएम के चिप्स को देखने वाले लोग करते थे जबकि तीसरी मशीन का संचालन रेखा के हाथों में था.

 

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