बड़ी खबर

रमन के इशारे पर साजिश रच रहे थे मुकेश गुप्ता और रजनेश

रमन के इशारे पर साजिश रच रहे थे मुकेश गुप्ता और रजनेश

रायपुर. कुख्यात पुलिस अफसर मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह पर कई बड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज होने के बाद छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. प्रशासन और राजनीति के मूर्धन्य भूपेश सरकार की इस तगड़ी कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं. दरअसल पिछले पन्द्रह साल में मुकेश गुप्ता और सुपर सीएम अमन सिंह के बारे में एक आम धारणा बन गई थीं कि दुनिया की कोई भी ताकत इन दोनों का बाल बांका नहीं कर सकती, लेकिन भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री बनने के बाद यह साबित कर दिया कि कानून सबके लिए बराबर है. इधर छत्तीसगढ़ कांग्रेस की नेत्री और अधिवक्ता किरणमयी नायक ने एक बयान जारी कर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को लपेटे में लिया है. उन्होंने रमन सिंह से यह जानना चाहा है कि बदलापुर-बदलापुर का राग आलापने वाले रमन सिंह को यह तो बताना ही चाहिए कि पन्द्रह सालों तक प्रशासनिक अफसरों, पत्रकारों और अन्य महत्वपूर्ण लोगों का फोन टेप कर उन्हें साजिश के तहत फंसाने वाले मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के पीछे किसका दिमाग काम कर रहा था. किरणमयी ने कहा कि तमाम तरह के लोकतांत्रिक मूल्यों को दरकिनार कर पूर्व मुख्यमंत्री अपने चहेते अफसर मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह से साजिश के तहत काम करवा रहे थे. दोनों अफसर अवैध रुप से लोगों का फोन टेप कर राजनीति और प्रशासन से जुड़े लोगों को ब्लैकमेल करते थे.

उन्होंने कहा कि पिछले पंद्रह वर्षों में इस राज्य का बच्चा-बच्चा यह जानने लगा था कि छत्तीसगढ़ में मोबाइल फ़ोन पर बात करना सुरक्षित नहीं है. चाहे राजनीतिक दलों के लोग हों या अफसर ,पत्रकार ,सामाजिक कार्यकर्ता या मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से लेकर व्यापारी वर्ग तक इंटरनेट कॉलिंग में यकीन करने लगा था .चर्चा तो ये भी होती थी कि मुकेश गुप्ता या रजनीश सिंह जैसे अफसर अपने आकाओं के इशारे पर सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं और सरकार के मंत्रियों तक के फ़ोन कॉल्स अवैध रूप से सुनते थे .रमन सरकार ने हर स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों का ही हनन नहीं किया बल्कि नागरिकों की निजता के संवैधानिक अधिकारों पर भी हमला किया है.

 

 

 

 

 

ये भी पढ़ें...