अंदरखाने की बात

बिजली कंपनियों के चेयरमैन शुक्ला को हटाने के लिए  चल रही है साजिश

बिजली कंपनियों के चेयरमैन शुक्ला को हटाने के लिए चल रही है साजिश

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के गनियारी में जन्मे शैलेंद्र शुक्ला इन दिनों बिजली कंपनियों के चेयरमैन है, लेकिन इस छत्तीसगढ़िया का चेयरमैन बन जाना भाजपाइयों और उनसे सांठगांठ कर चलने वाले कतिपय अफसरों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है. उनके बारे में तरह-तरह की कहानियां प्रचारित की जा रही है. जो लोग राजनीति और प्रशासन में दखल रखते हैं उन्हें दिख रहा है कि कैसे एक छत्तीसगढ़ी मूल के इस अफसर के खिलाफ सोची-समझी मुहिम चल रही है.कभी कहा जा रहा है कि जबसे वे चेयरमैन बने हैं तब से सुबह-शाम बिजली गुल हो रही है तो कभी यह बात प्रचारित की जाती है कि वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर नहीं है. अभी हाल के दिनों में यह खबर भी फैलाई गई है कि चूंकि बिजली वितरण कंपनी का चेयरमैन एक आईएएस है तो बिजली कंपनियों का चेयरमैन भी किसी आईएएस को  ही होना चाहिए. फिलहाल उनको हटाने की साजिश में एक ऐसा अफसर भी शामिल है जिसने पिछले पन्द्रह सालों में छत्तीसगढ़ को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस अफसर ने अपने काले-पीले कारनामों से अकूत संपत्ति अर्जित कर रखी है. इस अफसर का काला धन देश-विदेश में कई जगहों पर लगा हुआ है. यहां तक न्यूज झूठी खबरें फैलाने वाली वेबसाइटों पर भी. इस शख्स की पूरी कोशिश छत्तीसगढ़ को धान के कटोरे के बजाय भीख के कटोरे में बदलने की थी, लेकिन भला हुआ कि सरकार बदल गई अन्यथा छत्तीसगढ़ियों के खून-पसीने की कमाई का बड़ा हिस्सा दुबई के किसी फ्लैट में लगा होता. खबर है कि इस अफसर का अकूत धन विदेश के बैंकों में जमा है. अब जब भूपेश सरकार ने सख्ती दिखाई है तो मियां जी... दिल्ली में रिमोट कंट्रोल लेकर चैनल बदल रहे हैं.

पाठक सोच रहे होंगे कि जो अफसर छत्तीसगढ़ को लूटकर दिल्ली में जा बसा भला अब उसका छत्तीसगढ़ से क्या लेना-देना.... लेकिन ऐसा नहीं है. अफसर का लेना भी है और देना भी. अब भी अफसर और वर्ष 2005 बैच के उनके चेले-चपाटी आईएएस अफसरों को लग रहा है कि नई सरकार को बदनाम करके ही वे भाजपा सरकार को ला सकते हैं.सख्ती पर सख्ती देखकर वे नई सरकार को फेल करने की कसरत में लगे हुए हैं. यह मामला कुछ इसी तरह का है कि सरकार पुल बनाना चाहती है तो बनाए, लेकिन हम पुल के नीचे बम लगा देंगे. बिजली गुल नहीं हो रही है तो कोई बात नहीं हम ट्रांसफार्मर पर पत्थर फेंक देंगे तो ट्रांसफार्मर खराब हो जाएगा. शैलेंद्र शुक्ला को लेकर पूरा मामला ठीक वैसे ही चल रहा है जैसे चुनाव के दिनों में होता है. यह बताना लाजिमी है कि किसानों की कर्ज माफी के बाद भूपेश सरकार का सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट हर उपभोक्ता का बिजली बिल हाफ करना है. इस प्रोजेक्ट को कामयाबी न मिले इसलिए यह सवाल उठाया जा रहा है कि रहने दीजिए.... पहले बिजली तो दीजिए... फिर बिल हाफ करिए... बत्ती बुझाकर क्या माफ कर रहे हो.

अभी हाल के दिनों में फेणी तूफान की वजह से कुछ जिलों में बिजली की व्यवस्था चरमराई थी, लेकिन उसे समय रहते ठीक कर लिया गया. कुछ दिन पहले बस्तर, दुर्ग, राजनांदगांव और रायपुर में बिजली गायब रही है तो दिल्ली में बैठे अफसर के चमचों से यह प्रचारित करने को कहा कि भले ही बिजली का बिल हाफ मत करिए... कम से कम बिजली तो गुल मत करिए. ऐसा भी नहीं है कि बिजली के क्षेत्र में 37 वर्षों का अनुभव रखने वाले शैलेंद्र शुक्ला इस सारे खेल वाकिफ नहीं है. उन्हें पता है कि कौन सा अफसर कहां जाकर लूज टाक कर रहा है और कौन कलाकारी में लगा हुआ है. सूत्र कहते हैं कि उन्होंने दस्तावेजों के साथ पूरी जानकारी तैयार भी कर रखी है, लेकिन अभी उनकी पहली प्राथमिकता बिजली के मसले पर सरकार के एजेंडे को सही ढंग से लागू करना है. वैसे बिजली कंपनी हमेशा विवादों में घिरी रही है. बिजली विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान तब हुआ था जब उसका विघटन हुआ है. उससे ज्यादा नुकसान की स्थिति तब बनी जब बोर्ड कई कंपनियों में तब्दील हो गया है. सबसे ज्यादा खराब स्थिति भाजपा सरकार में ही बनी जब घटिया ट्रांसफार्मरों की बड़े पैमाने पर खरीदी की गई. अब ये सारे घटिया ट्रांसफार्मर ही प्रदेशवासियों को रुला रहे हैं. पिछली सरकार का एक बड़ा कारनामा यह भी था कि जिस मढ़वा प्रोजेक्ट को छह हजार करोड़ रुपए में बनकर तैयार हो जाना था वह प्रोजेक्ट अब तक तैयार नहीं हुआ और उसका बजट 9 हजार करोड़ रुपए हो गया. बहरहाल भेड़िया धसान वाले मुहावरे को चरितार्थ करने वाली स्थिति से घिरे हुए शैलेंद्र शुक्ला कब तक टिके रह पाते हैं यह देखना दिलचस्प होगा. साजिश तो उन्हें बुरी तरह से फंसा देने की भी चल रही है. खबर है कि दिल्ली में बैठे शातिर अफसर ने दिल्ली की ही कुछ प्रोफेशनल लड़कियों को बदनाम करने वाली योजना का हिस्सा भी बनाया है. यह लड़कियां केवल शैलेंद्र शुक्ला को ही नहीं कुछ दूसरे विश्वासपात्र अफसरों को भी निशाना बनाने के लिए  दिल्ली में ट्रेनिंग ले रही है.  

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