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नहीं मिली बेल...जीपी को जेल

नहीं मिली बेल...जीपी को जेल

रायपुर. छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख रहे पुलिस अफसर जीपी सिंह को आखिरकार बेल नहीं मिल पाई. कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है. छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार भारतीय पुलिस सेवा का कोई अफसर जेल में रहेगा. इसके पहले भारतीय प्रशानिक सेवा के अफसर बाबूलाल अग्रवाल जेल की हवा खा चुके हैं.

आय से अधिक संपत्ति रखने और कई तरह के विवादित कारनामों के चलते जीपी सिंह को इसी महीने की 11 जनवरी को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था. उन्हें दो बार रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही थीं. उनकी बेशुमार संपत्ति के बारे में पुलिस के पास तो पुख्ता सबूत हैं, लेकिन खबर है कि जीपी ने किसी भी संपत्ति को अपना मानने से इंकार कर दिया है. रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद पुलिस ने मंगलवार को एक बार फिर उन्हें विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल की कोर्ट में पेश किया जहां दोनों पक्षों के बीच लगभग पचास मिनट की बहस के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. हालांकि जीपी सिंह के वकील इस बात के लिए प्रयासरत रहे कि जमानत मिल जाय, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. जीपी के परिजनों की ओर से उनके गिरते स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था, लेकिन कोर्ट में स्वास्थ्य का मसला भी इसलिए कारगर साबित नहीं हुआ क्योंकि जीपी सिंह के बारे में यह कहा जा रहा था कि वे कस्टडी में रहने के दौरान सुबह-शाम लगभघ दो घंटे तक व्यायाम और वाकिंग किया करते थे.

यहां यह बताना लाजिमी है कि अपने कारनामों के लिए चर्चित जीपी सिंह पर राजद्रोह सहित कई तरह की गंभीर धाराएं लगी हुई है. उन्हें छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार का तख्ता पलटने के खेल में भी संलिप्त पाया गया था. पिछले साल जुलाई के महीने में जब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने उनके ठिकानों पर छापा मारा तब टीम को अनुपात्तहीन संपत्ति की जानकारी के साथ-साथ एक डायरी के कुछ पन्नों में यह तथ्य भी मिला था कि वे संवैधानिक रूप से गठित सरकार के खिलाफ घृणा और असंतोष को बढ़ावा के लिए चक्रव्यूह रच रहे थे. जानकार बताते हैं कि डायरी के पन्नों में यह उल्लेखित था कि सरकार को गिराने के लिए विभिन्न समाज के लोगों को कैसे भड़काया जा सकता है. कांग्रेस के विधायकों को पराजित करने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है ? सरकार के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए कौन सी कार्ययोजना उपयुक्त हो सकती है? पुलिस ने उन्हें अवैध ढंग से उगाही का भी दोषी माना है.

छापेमारी में मिला था यह सब

 

  • 1 जुलाई 2021 की सुबह 6 बजे एसीबी और ईओडब्लू की टीम ने जीपी सिंह के रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा के ठिकानों पर छापा मारा था.
  • रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपी की मदद करने का इल्जाम भी जीपी सिंह पर लगा है. इन पुराने केस की फिर से जांच की जा रही है.
  •  . IPS के बैंक मैनेजर दोस्त मणि भूषण के घर से एक 2 किलो   सोने की पट्टी जिसकी कीमत लगभग एक करोड़ है.
  • कारोबारी प्रीतपाल सिंह चंडोक के बेडरूम से 13 लाख रुपए के बंडल. प्रीतपाल सिंह जीपी सिंह के करीबी है.
  • राजनांदगांव में चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश बाफना के ऑफिस से जीपी सिंह की पत्नी और बेटों के नाम 79 बीमा दस्तावेज.
  • एक से अधिक एचयूएफ अकाउंट जिनमें 64 लाख रुपए हैं. 17 बैंक खाते जिनमें 60 लाख जमा हैं. पीपीएफ अकाउंट जिनमें 10 लाख रुपए हैं.
  • मल्टीनेशनल कंपनियों में 1 करोड़ से अधिक की राशि जमा की गई है.
  • जीपी सिंह की पत्नी और बेटे के नाम पर डाकघर में 29 अकाउंट हैं जिनमें 20 लाख से अधिक की राशि जमा है.
  • जीपी सिंह के परिवार ने 69 बार शेयर और म्युचुअल फंड्स में बड़ी राशि 3 करोड़ का इंवेस्टमेंट किया.
  • उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर हाईवा, जेसीबी, कांक्रीट मिक्सचर जैसी 65 लाख की गाड़ियां खरीदी गई हैं.
  • जीपी सिंह के नाम पर दो प्लॉट, एक फ्लैट, उनकी पत्नी के नाम पर दो मकान, मां के नाम पर 5 प्लॉट एक मकान, पिता के नाम पर 10 प्लॉट, 2 फ्लैट मिले हैं.
  • लगभग 49 लाख के डेढ़ दर्जन से अधिक लैपटॉप, कंप्यूटर, आईपैड और महंगे मोबाइल फोन मिले हैं.

 

 

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