पहला पन्ना

बोले भूपेश बघेल- प्रधानमंत्री ने किसी को भी विश्वास में नहीं लिया...इसलिए मची अफरा-तफरी

बोले भूपेश बघेल- प्रधानमंत्री ने किसी को भी विश्वास में नहीं लिया...इसलिए मची अफरा-तफरी

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र के अफसरों ने लॉकडाउन के पहले किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री से रायशुमारी नहीं की थीं जिसके चलते अफरा-तफरी की स्थिति कायम हुई. एक वेबसाइट को दिए गए इंटरव्यूह में बघेल ने बताया कि लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री और केंद्र के अफसरों ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए दिशा- निर्देश अवश्य दिए मगर तब भी कुछ मुख्यमंत्री ही अपनी बात रख पाए. कान्फ्रेसिंग में अफसर और प्रधानमंत्री ही समझाइश देते रहे.

बघेल ने कहा कि संघीय ढांचे के तहत किसी भी तरह के बड़े निर्णय के लिए सबको विश्वास में लेकर चलना होता है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. अगर प्रधानमंत्री और केंद्र के अफसर पहले बता देते कि अमुक तारीख से लॉकडाउन करने जा रहे हैं तो स्थिति बेहतर होती. एक निश्चित तिथि पर लॉकडाउन कर देने की जानकारी मिल जाने से हर कोई इस बात के लिए तैयार हो जाता कि किन-किन बातों को अमल में लाने की आवश्यकता होगी. क्या समस्या होगी. सभी राज्यों के मुख्यमंत्री आपस में एक-दूसरे से चर्चा कर लेते और सबकी एक सूची बन जाती. बघेल ने कहा कि भारत सरकार भले ही आदेश जारी कर दें, लेकिन आदेश का क्रियान्वयन तो राज्य सरकार को ही करना होता है. अभी जितनी भी कार्रवाई हो रही है वह राज्य सरकारें ही कर रही है. चाहे वह लोगों के आने-जाने का मामला हो या भोजन के प्रबंध का. भारत सरकार तो केवल किट उपलब्ध करवा रही है.

 

प्रधानमंत्री की ताली-थाली बजाने वाली अपील तो सबने मानी थीं फिर स्थिति क्यों बिगड़ी... इस पर बघेल ने कहा कि ताली-थाली और घंटी की बात अलग है, लेकिन उसके बाद मामला तब उलटा पड़ गया जब लोग सड़कों पर निकल गए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को सभी राज्यों के मुख्यमंत्री से रायशुमारी करनी थीं और उन व्यवसायियों और उद्योगपतियों से विशेष तौर पर चर्चा करनी थी जिनके यहां बड़ी संख्या में लोग मेहनत-मजूरी करते हैं. व्यावसायियों और उद्योगपतियों से इस बात की गुजारिश करनी थीं कि वे कम से कम एक महीने तक अपने यहां कार्यरत मजदूरों के रहने खाने का प्रबंध करें. यह सब नहीं हो पाया जिसके चलते दिल्ली के  मजदूर सड़क पर आ गए. बघेल ने बताया कि हमने छत्तीसगढ़ के सभी उद्योगपतियों से अपनी की थीं जिसका सकारात्मक असर पड़ा और अफरा-तफरी का माहौल कायम नहीं हुआ.

बच सकते थे कोरोना से

बघेल ने कहा कि काफी पहले से कोरोना वायरस के फैल जाने की खबरें आ रही थीं. अगर केंद्र सरकार इंटरनेशनल फ्लाइट पर ही रोक लगा लेती तो स्थिति नहीं बिगड़ती. बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के दो मरीज ठीक हो गए हैं, लेकिन जो भी लोग भर्ती हैं वे सब विदेश यात्रा से लौटने वाले लोग हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की आबादी दो करोड़ अस्सी लाख के आसपास है, लेकिन अब तक महज आठ सौ लोगों की ही जांच हो पाई है. देश में कोरोना जांच की किट का अभाव है. उन्होंने कहा कि अभी किसी प्राइवेट अस्पताल को सरकार ने अपने अधीन नहीं किया है, लेकिन निजी क्षेत्र के सभी अस्पताल वालों से सहयोग के लिए तैयार रहने को कहा है.

ये भी पढ़ें...