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सीजीएमएससी ने माना- मल्टी विटामिन सिरप खरीदी में हुआ बड़ा घोटाला

सीजीएमएससी ने माना- मल्टी विटामिन सिरप खरीदी में हुआ बड़ा घोटाला

रायपुर. आखिरकाल सीजीएमएससी ( छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड )  ने यह मान लिया है कि मल्टी विटामिन सिरप की खरीदी में बड़ा घोटाला हुआ था. कांग्रेस नेता नितिन भंसाली की शिकायत के बाद सीजीएमएससी ने अपनी एक रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग की सचिव को सौंपी है. इस रिपोर्ट में यह उल्लेखित है कि भाजपा के शासनकाल में सिरप की खरीदी के दौरान भण्डार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया जिसके चलते गंभीर किस्म किस्म की आर्थिक अनियमितता हुई है.सीजीएमएस ने मान लिया है कि अगर महालेखाकार के अवलोकन के अनुसार संशोधित क्रय आदेश निकाला जाता को शासन को 1.02 करोड़ रुपए की बचत होती.सीजीएमएस ने गड़बडी में शामिल अफसर और ठेकेदार पर कार्रवाई की अनुशंसा भी की है. इधर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने भले मल्टी विटामिन सिरप घोटाले की जांच प्रारंभ की है तो यह माना जा रहा है कि सीजीएमसी के पूर्व प्रबंध संचालक रामाराव और नाहर मेडिकल एजेंसी के कर्ताधर्ता हत्थे चढ़ सकते हैं.

यह है मामला

दिनांक 23 फरवरी 2016 को डायरेक्टर हेल्थ ऑफ सर्विसेस ने छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड को 441 दवाईयों की खरीदी के लिए एक पत्र लिखा था. इस पत्र के आधार पर 11 अगस्त 2016 को आनलाइन टेंडर जारी किया गया, लेकिन थोड़े ही दिनों यह कहा जाने लगा कि टेंडर निकालने में देरी हो गई है इसलिए 23 जरूरी दवाईयां ( ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसवीएस ऑफ इंडिया ) बीपीपीआई के माध्यम से अनुमोदित की दरों पर खरीद ली जाए. इसके बाद डायरेक्टर हेल्थ ने बगैर टेंडर के दवाईयां खरीदने की अनुमति मांगी थी. पत्र में सिरप की संख्या थी 1,99,75,780 अर्थात एक करोड़ निनयानबे लाख पचहत्तर हजार सात सौ अस्सी.

मल्टीविटामिन का चक्कर

डायरेक्टर हेल्थ लगभग पचास लाख अठावन हजार पांच सौ चालीस मल्टीविटामिन बोतल ( प्रत्येक बोतल 100 एमएल ) की खरीदी करना चाहता था, लेकिन छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन ने जानकारी दी कि दवा सप्लायरों के पास 200 एमएल की बोतल ही उपलब्ध है जिसकी कीमत 27 रुपए 64 पैसे हैं. इस बारे में डायरेक्टर हेल्थ और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड के बीच पत्र व्यवहार चलता रहा. डायरेक्टर हेल्थ ने दिनांक 27 मार्च 2017 को एक पत्र के जरिए अवगत कराया कि उसे अब सीरप की जरुरत नहीं होगी. सीरप के बजाय मल्ली विटामिन टेबलेट ( ड्रग कोड डी-63 ) खरीद लिया जाय.... और तब..........

बताते हैं कि डायरेक्टर हेल्थ और मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन के बीच चले पत्र व्यवहार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री के एक नजदीक के रिश्तेदार ने दबाव देना प्रारंभ किया.उनके दबाव के बाद अचानक 100 एमएल वाली मल्टीविटामिन वाली सीरप की बोतल भी मिल गई. डायरेक्टर हेल्थ महज पचास लाख अठावन हजार पांच सौ चालीस बोतल चाहता था, लेकिन मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन ने 73 लाख 94 हजार पांच सौ बोतल खरीद ली. इस पूरे मामले का सबसे संदिग्ध पक्ष यह है कि जब डायरेक्टर हेल्थ सीरप चाहता था तो सीरप की बोतल नहीं मिल रही थी और जब डायरेक्टर हेल्थ ने कहा कि चलिए बोतल नहीं मिल रही है तो टेबलेट खरीद लीजिए तब अचानक बोतल मिल गई. डायरेक्टर हेल्थ जितनी संख्या में बोतल चाहता था उससे कहीं ज्यादा संख्या में सीरप की खरीदी हो गई. बताते हैं कि सप्लाई का सारा काम धमतरी की नाहर नाम की एक मेडिकल एजेंसी को दिया गया था. इस एजेंसी को भी 90 दिनों के भीतर सप्लाई करनी थी, लेकिन इस सप्लायर ने 75 दिन देरी से सीरप की सप्लाई की. खबर है कि इस मामले में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन के प्रमुख रामाराव को वही पदस्थ कुछ अधिकारियों ने समझाइश दी थी कि वे नियम-कानून से परे जाकर सिरप की खरीदी न करें, लेकिन वे नहीं माने.

मंहगे दर पर खरीदी

खबर है कि बीपीपीआई ( ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसवीएस ऑफ इंडिया ) की अधिकृत वेबसाइट में 100 एमएल मल्टीविटामिन सिरप सूची में शामिल नहीं है. बावजूद इसके छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन लिमिटेड ने सिरप की खरीदी की. जिस सिरप को खरीदा गया उसमें बीपीपीआई का लोगो भी लगा है. यह संदेह भी व्यक्त किया जा रहा है कि या लोगो को नाहर मेडिकल एजेंसी ने तैयार किया है या फिर इस खेल में बीपीपीआई के अधिकारी भी शामिल है. सूत्र बताते है कि नाहर एजेंसी ने हिमाचल प्रदेश की जिस CIAN FARMA से सिरप की खरीदी कर छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन को सप्लाई की वह बीपीपीआई की अधिकारिक वेबसाइट में सूचीबद्ध ही नहीं है. सूत्रों का दावा है कि CIAN FARMA ने नाहर मेडिकल एजेंसी को सिरप आठ रुपए प्रति बोतल की दर से विक्रय किया है जबकि नाहर एजेंसी ने छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन को 18 रुपए 90 पैसे प्रति बोतल का बिल थमाया है. छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन ने यह भुगतान किस मद से किया यह भी साफ नहीं है. 

 

 

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