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भाजपा सरकार में अमन सिंह की बीवी को बैठे-बिठाए मिलता  था एक लाख रुपए महीना...नृत्य का मानदेय भी लाखों में

भाजपा सरकार में अमन सिंह की बीवी को बैठे-बिठाए मिलता था एक लाख रुपए महीना...नृत्य का मानदेय भी लाखों में

रायपुर. विवादास्पद आईपीएस मुकेश गुप्ता, स्टेनो रेखा नायर और पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता पर शिकंजा कसने के बाद पुलिस अब पूर्व मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है.  इधर अमन सिंह की पत्नी यास्मीन सिंह पर भी यह आरोप लगा है कि वे बगैर किसी योग्यता के लंबे समय तक संविदा में पदस्थ रही और बैठे-बिठाए एक लाख रुपए महीना हासिल करती रही.गौरतलब है कि पिछले महीने 12 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस के सचिव विकास तिवारी ने राज्य के मुख्य सचिव सुनील कुजूर को अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ शिकायत की थी.  फिलहाल सरकार यास्मीन सिंह के खिलाफ नियम-कानून की पक्की और अब तक विवादों से दूर रही भारतीय प्रशासनिक सेवा की तेज-तर्रार अफसर रेणु पिल्ले को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है. श्रीमती पिल्ले को तीन माह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है. 

यास्मीन पर लगे कई गंभीर आरोप

सामान्य प्रशासन विभाग की सचिव रीता शांडिल्य 10 मई को जारी आदेश में कहा है कि यास्मीन सिंह एक नृत्यांगना है. उनकी प्रोफाइल में भी यही उल्लेखित है कि उन्होंने देश के कई हिस्सों में अपनी प्रस्तुति दी है. यास्मीन ने कभी किसी तरह का शासकीय कार्य नहीं किया बावजूद इसके उन्हें नवम्बर 2005 में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में संचालक, संचार, क्षमता विकास इकाई ( सीसीडीयू ) बना दिया गया. वे लंबे समय तक पदस्थ रही.इतना ही नहीं उनकी संविदा नियुक्ति हर बार बढ़ाई जाती रही. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वे अमन सिंह की पत्नी है. नियुक्ति के दौरान उन्हें केवल 35 हजार रुपए का वेतनमान दिया जाना तय हुआ था जिसे बाद में गुपचुप ढंग से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया  गया. यास्मीन सिंह 14 साल तक संविदा में पदस्थ रही,लेकिन उनका ज्यादातर कार्य नृत्यांगना के रुप में ही प्रचारित होता था. उन्हें सरकार की ओर से आयोजित समारोह में नृत्य करने के लिए  अत्यधिक मानदेय पर आमंत्रित किया जाता था जबकि छत्तीसगढ़ के कलाकार काम के लिए तरसते थे. यास्मीन सिंह को एक कार्यक्रम के लिए एक से डेढ़ लाख का भुगतान किया जाता था. रीता शांडिल्य ने जांच के बिन्दुओं में यह सवाल भी शामिल किया है कि लंबे समय तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में पदस्थ रहने के बावजूद इनके कार्य, अवकाश, नृत्य प्रदर्शन के लिए विभागीय अनुमति की कोई जानकारी संधारित क्यों नहीं है. इन सारे बिन्दुओं पर रेणु पिल्ले को जांच करने के लिए कहा गया है. सूत्र बताते हैं कि इस मामले में जांच के बाद यास्मीन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. पूरे प्रकरण में दोनों विभागों के कई अधिकारियों के फंसने के भी संभावना है. इधर यास्मीन सिंह ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों को निराधार और असत्य बताया है. उनका कहना है कि उनकी नियुक्ति सारे नियमों के हवाले से  सक्षम अधिकारी की मंजूरी के साथ पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए की गई है. किसी भी मामले में उन्होंने अपनी नियुक्त स्वयं नहीं की. इसलिए यदि राज्य सरकार को उनकी नियुक्ति में कोई चिंता दिखती है तो वह अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है जो नियुक्ति के लिए जिम्मेदार है. यह आरोप गलता है कि मैंने ( यास्मीन सिंह ) राज्य सरकार से कोई अनुचित लाभ लिया है. उन्होंने कहा कि उनका चयन पूरी योग्यता के आधार पर हुआ है. ऐसा लगता है कि राज्य सरकार के मामलों की देख-रेख करने वाले अब तक के प्रशासन और उनके परिवार वालों को राजनीतिक विद्वेष साधने के लिए टारगेट कर रहे हैं. यास्मीन सिंह ने कहा कि वे सारे लोग जो मुझे बदनाम करना चाहते हैं उनके खिलाफ तो मुकदमा करेगी साथ ही जांच के संबंध में भी समुचित कदम उठाएंगी.

अमन सिंह पर भी गंभीर आरोप 

विकास तिवारी ने अपनी शिकायत में कहा है कि अमन सिंह भारतीय राजस्व सेवा के एक कनिष्ठ अधिकारी थे. वर्ष 2004 में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के संयुक्त सचिव बनाए गए थे. उनके पिता वाईएन सिंह मध्यप्रदेश  सरकार में संयुक्त पंजीयक थे. एक मध्यवर्गीय परिवार से होने के नाते उनके परिवार के नाम पर कोई बड़ी भारी संपत्ति नहीं थी, लेकिन अमन सिंह के छत्तीसगढ़ में पदस्थ होने के साथ उनके परिजनों की संपत्ति में इजाफा होने लगा. शिकायत में आगे कहा है कि अमन सिंह ने शासन को करोड़ों का चूना लगाकर भ्रष्टाचार किया है. उनके हर भ्रष्टाचार की जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को मालूम थीं लेकिन वे खामोश बने रहे. तिवारी ने मुख्य सचिव को जो शिकायत सौंपी है उसमें अमन सिंह की संपत्ति के ब्यौरे के साथ दस्तावेज भी दिए हैं. शिकायत में बताया गया है कि अमन सिंह ने दिल्ली के महारानी बाग में 12 करोड़ का मकान खरीदा है. लगभग एक साल पहले एक अंतराष्ट्रीय कंपनी कारगिल एमएनसी ने शिमला में एक महंगा गेस्ट हाउस बेचा था. इस गेस्ट हाउस को भी अमन सिंह ने खरीदा है. शिकायत में कहा गया है कि राजनांदगांव के ग्राम ढेलकाढीह और खैरागढ़ रोड से 15 किलोमीटर दूर पर स्थित एक गांव में भी अमन सिंह ने अपनी पत्नी यास्मीन सिंह के रिश्तेदारों के नाम पर लगभग पांच सौ एकड़ बेनामी संपत्ति खरीदी है. अमन सिंह के विदेश में कनेक्शन को लेकर काफी बातें लंबे समय से कही जाती रही है. शिकायत में कहा गया है कि अमन सिंह ने अपनी अकूत दौलत का एक बड़ा हिस्सा अपनी पत्नी के नाम से दुबई के बैंकों में जमा कर रखा है. शिकायतकर्ता ने एक बैंक का आईडी नंबर भी दिया है. इसके अलावा भोपाल में औद्योगिक भूमि खरीदने, विधानसभा रोड़ पर जमीन खरीदने का जिक्र भी है. 

 

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