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सियासत में गिरते ग्राफ को बचाने फिल्म मोदी को हिट करवाने हथकंडा

सियासत में गिरते ग्राफ को बचाने फिल्म मोदी को हिट करवाने हथकंडा

रायपुर. ओमंग कुमार निर्देशित फिल्म पीएम मोदी को हिट करने के लिए एक पार्टी विशेष से जुड़े लोग सिनेमाघरों के मालिकों को पूरे एक हफ्ते की टिकट सुरक्षित रखने के लिए लगातार फोन कर रहे हैं. राजधानी के एक सिनेमाघर के मालिक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अब तक सलमान, शाहरुख, आमिर और अक्षय कुमार के फैन्स फिल्म को हिट करवाने के लिए जोर आजमाइश किया करते थे, लेकिन पहली बार एक फ्लाप एक्टर विवेक ओबेरॉय की फिल्म को लेकर गुणा-भाग दिख रहा है. बहरहाल अगर आप एक सामान्य दर्शक है और फिल्म को देखने के बादअपनी कोई राय बनाना चाहते हैं तो आपको थोड़ा इंतजार करना चाहिए. अगर आप हर फिल्म को पहले ही हफ्ते में देखने के शौकीन है तब भी आपको थोड़ी प्रतीक्षा करनी चाहिए क्योंकि पूरे एक हफ्ते छत्तीसगढ़ के सिनेमाघर.... चौकीदारों से भरे रहने वाले हैं. हर संवाद के साथ अगर आपको मैं भी हूं चौकीदार... मैं भी हूं चौकीदार का शोर सुनाई देगा तो फिल्म देखने का मजा किरकिरा हो सकता है.

चुनाव के समय ही फिल्म क्यों

 यह सौ फीसदी सच है कि पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अब पहले जैसी नहीं है. उनका ग्राफ कमजोर हुआ है. वर्ष 2014 में वे हर-हर मोदी... घर-घर मोदी थे, लेकिन इन दिनों अबकी बार... माफ कर यार... की गूंज कुछ ज्यादा ही सुनाई दे रही है. अब जबकि इसी 11 अप्रैल से लोकसभा चुनाव के पहले चरण की शुरूआत हो जाएगी तब ओमांग कुमार निर्देशित फिल्म पीएम मोदी भी रिलीज हो जाएगी. पहले यह फिल्म पांच अप्रैल को सिनेमाघरों में आने वाली थीं, लेकिन चुनाव के समय राजनीतिक दलों की आपत्ति के बाद रिलीज की डेट को लेकर संशय बढ़ गया है. माना जा रहा है कि अब यह फिल्म 12 अप्रैल को प्रदर्शित हो सकती है. अब तक तो यह आम धारणा रही है कि जो फिल्म रिलीज होने के पहले सुर्खिया बटोरती है वह रिलीज होने के बाद पैसे भी बटोरती है, लेकिन ऐसा तब हो पाता है जब दर्शक फिल्म को स्वाभाविक ढंग से स्वीकार कर उसकी माउथ पब्लिसिटी करता है. फिलहाल तो ऐसा मुमकिन नहीं दिख रहा है.  विवेक ओबेरॉय के अभिनय से सजी इस फिल्म का ट्रेलर ही दर्शकों को पसन्द नहीं आ रहा है. फिल्म लाइन को जानने-समझने वालों का मानना है कि चावल के एक दाने को हाथ में लेने के बाद ही यह समझ में आ जाता है कि वह पका है या नहीं. अभी तो ट्रेलर देखकर ही लग रहा है कि फिल्म को मोदी भक्तों के अलावा एक सामान्य दर्शक का प्यार और दुलार नहीं मिलने वाला है. वैसे जब से यह बात प्रचारित हुई है कि फिल्म के एक प्रोड्यूसर आनंद महाराष्ट्र के भाजपा कामर्स सेल के कोषाध्यक्ष भी रहे हैं तब से फिल्म को लेकर और ज्यादा नकारात्मक प्रचार प्रारंभ हो गया है. इस फिल्म के निर्माण के साथ ही यह सवाल उठने लगा था कि फिल्म से जुड़े लोग एक खास एजेंडे के तहत फिल्म बना रहे हैं.

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