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मुख्यमंत्री के बगल में नजर नहीं आया कोई अफसर अर्थशास्री

मुख्यमंत्री के बगल में नजर नहीं आया कोई अफसर अर्थशास्री

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को अपना पहला बजट पेश किया. गांव- गरीब और किसान को केंद्र में रखकर तैयार किए गए इस बजट के कई महत्वपूर्ण अंशों का प्रकाशन शनिवार को अखबारों में होगा. इसके साथ ही हर चैनल में नजर आने वाले चिर-परिचित अर्थशास्रियों की टिप्पणियां भी पढ़ने को मिलेगी, लेकिन एक खास बात जिसका जिक्र यहां जरूरी है. पहली बार बतौर वित्तमंत्री बजट पेश करने के बाद बघेल जब पत्रकारों से मुखातिब हुए तब उनकी बगल में कोई अफसर अर्थशास्री विराजमान नहीं था. पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के कार्यकाल में बजट पेश करने के बाद आयोजित होने वाली पत्रवार्ता में अगल-बगल सुपर सीएम, चमन-चटनी, लौंग-इलायची और भी न जाने कितने अफसर एकत्रित हो जाते थे. सीएम के आजू-बाजू बैठने वाले अफसर खुद को अर्थशास्री समझते हुए पत्रकारों के सवालों पर कूढ़ते और उन्हें धमकाते थे. एक अफसर तो बकायदा नाम ले- लेकर प्रश्न पूछने के लिए कहता था. प्रश्न पूछने वाले वही लोग होते थे जो आगे चलकर कंसोल इंडिया के शेयर होल्डर बनने में कामयाब हुए.

बहरहाल शुक्रवार को बजट भाषण की एक खास बात यह भी थीं इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक भी बार पानी नहीं पीया. सामान्य तौर पर वित्तमंत्री ( मुख्यमंत्री ) बजट को हौव्वे की तरह पेश करते रहे हैं. आठ से दस बार पानी पीकर वित्तमंत्री यह जताने का प्रयास करते रहे है कि भाइयों... बजट इतना भारी-भरकम है कि हलक सूख गया है. बघेल जब बजट पेश कर रहे थे तब यह साफ झलक रहा था कि लक्ष्य एकदम स्पष्ट है. उन्हें पता है कि सरकार की ओर से दिए जाने वाले लाभ का पहला हकदार कौन है. कहना लाजिमी होगा कि बघेल के बजट की पहली प्राथमिकता में हमारे अन्नदाता है जो दुनिया का पेट भरते हैं. अपने बजट भाषण में उन्होंने जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त राशि देने के साथ-साथ गैर- जरूरी एवं प्रत्यक्ष लाभ न देने वाली योजनाओं के प्रावधानों में संशोधनों पर विचार करने की बात कहकर यह भी समझा दिया कि वे बेमतलब की योजनाओं पर सरकारी धन को खर्च कर अफसरों के लिए खाने-पीने और ठेकेदारों के लिए कमीशनखोरी का रास्ता खोलने के पक्ष में नहीं है.

नए जेल खोलने की बात पर भड़का विपक्ष

रायपुर और बिलासपुर में नई जेल की स्थापना को लेकर भी बजट में प्रावधान किया गया है. सदन में जैसे ही इस बात का उल्लेख हुआ तो गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विपक्ष के सदस्यों को देखकर कहा- ये जेले आप लोगों के लिए बन रही है. गृहमंत्री की बात पर विपक्षी सदस्य भड़क गए. उन्होंने इसे अपना अपमान बताया.

 

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